करवाचौथ | Karva Chauth

KARVA CHAUTH

पूरा संसार विश्वास की नीव पर टिका है। ब्रह्माण्ड के ग्रह, उपग्रह, चाँद और सितारे एक-दूसरे से विश्वास का सम्बन्ध स्थापित करते हैं। देखा जाये तो विश्वास के बिना कोई भी ब्रह्माण्ड में स्थित ग्रह, उपग्रह, चाँद सितारे व सूरज काम नहीं कर सकते हैं। भारत एक अटूट विश्वास का जीता-जागता बहुत बड़ा उदाहरण है। भारत के लोग देवी-देवताओं पर अखंड विश्वास रखते हैं, जिसका बहुत अच्छा उदाहरण है करवाचौथ। कहते हैं न-अगर किसी चीज़ को पूरी सिद्द्त से चाहोगे तो पूरी कायनात उससे मिलाने की कोशिश करती है। देखा जाये तो ग्रह-उपग्रह पर लोग भगवान पर और पृथ्वी, सूर्य पर विश्वास के साथ जुड़े हुए हैं। जिसमे पत्निया अपने पति की लम्बी आयु के लिए पूरे दिन बिना खाये-पिए भगवान से प्रार्थना करती हैं और शाम को चाँद को देख कर अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।

त्यौहार का नामकरवाचौथ
किसकी पूजाकरवा माता
क्यों मनाया जाता हैअपने पति की लम्बी आयु के लिए
चाँद निकलने का समय (2023)08:15 PM
करवाचौथ में क्या होता हैव्रत, करवा माता की पूजा, गीत-संगीत, चाँद व पति के दर्शन, व्रत खोलना

Table of Contents

What is karva Chauth | करवा चौथ क्या है

करवा चौथ बहुत ही खास हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार हर साल कार्तिक पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसमें लोगों के अंदर अपने पति के प्रति भक्ति भावना के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। इस त्यौहार में स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रहती हैं। इस त्यौहार में शाम को जब चांदनी आकाश में चाँद निकलता है, तब जो स्त्रियां व्रत रहती हैं, वे सब लोग चाँद को छलनी की मदद से देखने के बाद उसी छलनी से अपने पति को भी देखती हैं, इसके बाद चाँद को जल अर्पित करके अपने पति के हाथों से कुछ मीठा और जल पी कर ही अपना व्रत खोलती हैं। इसके बाद पति-पत्नी साथ में बैठ कर भोजन करते हैं। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती होने का अवसर प्राप्त होता है।

Auspicious time of Karva Chauth | करवा चौथ के शुभ मुहूर्त

दोस्तों, करवा चौथ बहुत ही प्रचलित हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। । जैसाकि हम जानते हैं कि प्राचीन समय से ही किसी कार्य को शुरू करने से पहले उसके शुभ तिथि और समय का अवकलन करना बहुत ही जरुरी होता है। जिससे हमारे कार्य में कोई बाधा न आये और हमारा कार्य सही से संपन्न हो जाये। हिन्दू पंचांग की मदद से पंडित लोग किसी चीज़ का शुभ मुहूर्त को निर्धारित करते हैं। यह त्यौहार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

Karva Chauth date and time | करवा चौथ की तिथि व समय

करवा चौथ के शुभ मुहूर्त की शुरुआत इस वर्ष 31 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि रात 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगी और 01 नवंबर को रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगी।
करवा चौथ 2023 के पूजन का शुभ मुहूर्त: 01 नवंबर की तिथि को करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक होगा।
चलिए दोस्तों, हम आपको और अधिक रोचक जानकारी से अवगत कराते हैं, जो आपके भविष्य में भी काफी मददगार साबित होगा।

वर्षशुरू होने का तिथि व समयसमापन की तिथि व समयचाँद निकलने का समय
201827 अक्टूबर, 06:38 PM 28 अक्टूबर, 04:55 PM07:55 PM
201917 अक्टूबर, 06:48 AM18 अक्टूबर, 07:29 AM08:16 PM
202004 नवम्बर, 03:24 AM05 नवम्बर, 05:14 AM 08:12 PM
202124 अक्टूबर, 03:01 AM25 अक्टूबर, 05:43 AM08:07 PM
202213 अक्टूबर, 01:59 AM14 अक्टूबर, 03:08 AM 08:09 PM
2023 31 अक्टूबर, 09:30 PM 01  नवम्बर, 09:19 PM08:15 PM
202420 अक्टूबर, 06:46 AM21 अक्टूबर, 04:16 AM  07:54 PM
202509 अक्टूबर, 10:54 PM10 अक्टूबर, 07:38 PM08:13 PM
202629 अक्टूबर, 01:06 AM29 अक्टूबर, 10:09 PM08:11 PM
202718 अक्टूबर,  05:51 PM19 अक्टूबर, 04:42 PM07:30 PM
202807 अक्टूबर,  03:35 AM08 अक्टूबर, 04:51 AM 08:01 PM

Some interesting information about Karva Chauth, which you might not know | करवा चौथ के बारे में कुछ रोचक जानकारी, जो शायद आपको नहीं पता होगी

विवाहित स्त्रियों को करवा चौथ त्यौहार का बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। करवा चौथ विशेष रूप से भारत में मनाया जाने वाला अत्यंत रोचक त्यौहार है। जिसे भारत में विवाहित स्त्रियों के द्वारा मनाया जाता है। सभी स्त्रियां अपने सहेलियों के साथ इस व्रत को मनाती हैं और अपने-अपने पति की लम्बी आयु तथा उनकी सुरक्षा की कामना करती हैं। इस त्यौहार के दिन पत्नी अपना पूरा सोलह श्रृंगार करके अच्छे से तैयार होती हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करती हैं। पति, अपने प्रिय पत्नी के लिए उपहार गिफ्ट करते हैं। इस त्यौहार से पति-पत्नी के बीच प्रेम और भी गहरे हो जाते हैं। इससे पारिवारिक और सामुदायिक सम्बन्ध मजबूत होते हैं।

Story related to Karva Chauth | करवाचौथ से जुडी कथा / कहानी

दोस्तों, मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव जी के लिए तथा द्रोपती जी ने पाण्डवों के लिए करवा चौथ का व्रत किया था। करवा चौथ के पश्चात् सुहागिन महिलायें को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है।
किसी गांव में एक ब्राह्मण थे। उनके सात पुत्र और एक पुत्री थी। उस पुत्री का नाम वीरावती था। सात भाइयों के बीच एकलौती बहन होने के कारण वह सबकी लाडली बहन थी। जब वीरावती बड़ी हो गयी तो उसका विवाह एक ब्राह्मण युवक से कर देते हैं। विवाह के तुरंत बाद वीरावती एक दिन अपने मायके आई, तो वहां करवा चौथ का त्यौहार आया, तब वीरावती ने अपने भाभियों को देखकर उसने भी करवाचौथ का व्रत रखा, लेकिन शाम होते-होते वीरावती बहुत ही भूख और प्यास से व्याकुल हो गयी। अपने बहन को व्याकुल देख कर सभी भाइयों ने मिलकर उसे खाना खाने के लिए मानाने लगे, लेकिन वीरावती ने खाना या पानी पीने से इंकार कर दिया। उसने कहा- वह चन्द्रमा को अर्घ्‍य देने के बाद ही अब वह अन्न और जल को हाथ लगाएगी। वहीं चंद्र उदय उगने में देरी को देख कर भाइयों ने मिलकर एक तरकीब सोची। एक भाई ने पीपल के पेड़ पर चढ़ कर, एक दीपक जला कर उसे छलनी की ओट में रख देता है। ताकि वह चाँद की तरह दिखे और बाद में ऐसा ही हुआ। फिर दूसरे भाई ने आकर वीरावती से कहा- बहन चाँद निकल आया है। अब तुम अर्घ्‍य दे सकती हो। इतने सुनकर वीरावती अति प्रसन्न हो गयी और तुरंत जाकर उसने अर्ध्य दिया और खाना खाने बैठ गयी। वह जैसे ही पहला टुकड़ा खाने का अपने मुँह में डाली तभी उसको झीक आ गयी और दूसरे टुकड़े में बाल निकल आया। इसके बाद वह जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुँह में डालने वाली थी, तभी उसके पति की मृत्यु की खबर आ गयी। फिर वीरावती की भाभियों ने वीरावती को सारी सच्चाई बताई, कि उसके साथ ऐसा बुरा क्यों हुआ। करवा चौथ का विधिवत पूजा न करने से उसके पति पर संकट आ गया, क्योकि यह व्रत गलत तरीके से टुटा था। इसलिए देवता नाराज होकर आशीर्वाद की जगह श्राप दे दिए। इसके बाद एक बार इंद्रदेव की पत्नी इन्द्राणी करवा चौथ के दिन धरती पर आयीं। इस दौरान वीरावती भी उनके पास गयीऔर अपने पति की रक्षा और उनकी लम्बी आयु के प्रार्थना की। तब इन्द्राणी ने वीरावती से करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने के लिए कहा। तब वीरावती ने ऐसा ही किया। फिर भगवान ने वीरावती को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान देते हुए उसके पति को जीवित कर दिया।

Rules of worship in Karva Chauth | करवाचौथ में पूजा के नियम

पूजा की आवश्यक सामाग्री- दोस्तों, जैसा कि हम जानते हैं, अलग-अलग त्यौहार पर पूजा के लिए अलग-अलग चीज़ों की आवश्यता होती है। चलिए दोस्तों जानते हैं कि करवा चौथ के व्रत में कौन-कौन से सामाग्री की आवश्यकता पड़ती है।

  • एक चौकी तथा उस पर बिछाने के लिए लाल और पीले रंग कपड़ा
  • करवा माता जी की फोटो
  • मौसमी फल-फूल
  • छलनी, रोली, कलावा
  • अगर संभव हो तो दक्षिणा
  • गड़रा की सिरकी
  • श्रृंगार का सामान
  • कथा की पुस्तक
  • एक लोटा शुद्ध, साफ जल
  • घी का दीपक
  • रोली, सिंदूर
  • करवा में भरने के लिए चिवड़ा और लड्डू
  • घर पर बने व्यंजन
  • स्वयं ओढ़ने के लिए चुनरी
  • गाय के गोबर की गौरी
  • धूपबत्ती, गोबर की चार पिड़िया
  • रूई, माचिस
  • गणेश जी को स्थापित करने के लिए सुपारी
  • टोटी वाला करवा-पीतल या मिटटी का
  • हवन सामाग्री

karwa chauth sargi | करवा चौथ सरगी

करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है। इसके बीच में हम न ही कुछ खाते हैं और न ही पानी पीते हैं। जिस दिन सुहागन करवा चौथ का व्रत रहती हैं, उसके पहले वाली रात में उनकी सासु माँ अपने बहु के लिए अच्छा-अच्छा पकवान बनाती हैं, जिन्हे सिरगी कहते हैं। सुहागन व्रत रहने के पहले यानी सूर्योदय से पहले वही सिरगी खाती हैं, उसके बाद अपना व्रत स्नान करके, स्वच्छ कपड़े पहनकर शुरू करती हैं और चाँद निकलने तक कुछ भी नहीं खाती हैं। यह निर्जला व्रत पत्नी अपने पति की लम्बी आयु और उनकी सुरक्षा के लिए रखती है।

karwa chauth pooja and method | करवाचौथ पूजा की विधि

सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद पति की लम्बी आयु और बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही अखंड सौभाग्य के लिए संकल्प लें। इसके बाद अपनी शक्ति के हिसाब से निरहार यानी बिना कुछ खाएं-पिए रहें। अगर ऐसा नहीं हो पाए तो थोड़ा बहुत फलाहार किया जा सकता है। शाम के समय जहाँ पर पूजा करनी है, वहां पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर करवा माता की प्रतिमा को स्थापित करें। साथ में ही शिव-पार्वती, कार्तिकेय और भगवान गणेश जी की स्थपना करें। पूजा के स्थान पर मिटटी या पीतल का टोटी वाला करवा रखे। करवे में थोड़ा सा पानी और दीपक से ढक कर एक रूपये का सिक्का रखें। इसके ऊपर लाला रंग का कपड़ा रखें। गाय के गोबर से गौरी-गणेश जी को स्थापित करें। पूजा सामग्री से सभी देवताओं की पूजा करें। लड्डू और चुवडा को करवा में भर कर रखें और फल तथा घर पर बनाए गए विशेष पकवान का भोग अर्पित करें।

karwachauth pooja thali | करवाचौथ पूजा की थाली

करवा चौथ के पूजा की थाली या किसी भी पूजा की थाली को तैयार करते समय कुछ बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए, पूजा की थाली कांस और तांबे की बिलकुल साफ़ – सुथरी हो, उसमे सभी सामग्री स्वच्छ होनी चाहिए किसी तरह का कोई जूठन न हो ,कोई पूजा की थाली को जूठे या गंदे हाथ से छुए नहीं। करवाचौथ के पूजा की थाली में ये सामग्री शामिल कर सकती है , जैसे – चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली .

Worship of husband’s idol | पति की प्रतिमा की पूजा

सुहागिन अपने पति की लम्बी आयु के लिए क्या से क्या नहीं करती हैं। जिन विवाहित महिलाओं के पति किसी कारण वश अगर करवा चौथ पर अपने पत्नी से मिलने और उनका व्रत खोलने के लिए नहीं पहुंच पाते हैं, तो वे अपने पति की प्रतिमा की पूजा करके और चाँद निकलने के बाद ही चाँद को देख कर और फिर अपने पति की फोटो को देखकर ही अपना व्रत खोलती हैं। वे सब अपने पति की रक्षा और उनके सुख-समृद्धि के पूरा दिन अन्न-जल ग्रहण किये बिना अपने पति की प्रतिमा लगाकर पूजा करती हैं।

Worship by looking at the moon | चांद को देखकर पूजा

करवा चौथ के दिन सभी सुहागिन महिलाओं को चाँद निकलने का बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योकि बिना चाँद देखे अगर वे लोग अपना-अपना व्रत खोलती हैं, तो वह व्रत अधूरा माना जाता है। शाम को पूरा विधिवत पूजा करने के बाद छलनी के मदद से चाँद और अपने पति के दर्शन करके ही व्रत खोलना चाहिए।

Benefits of fasting in Karva Chauth from a scientist’s point of view | करवाचौथ में वैज्ञानिक की दृष्टी से व्रत रहने के लाभ

करवा चौथ के दिन व्रत रहने की बहुत ही प्राचीन परम्परा है। क्या आपको पता है कि व्रत रहने से हमारे शरीर को कैसे लाभ मिलता है। जब हम प्रतिदिन ज्यादा खाना खाते रहते हैं तो हमारी आंत उन्हें अच्छे से पचा नहीं पाती है, जब कि हम उसके पहले ही फिर से खाना खा लेते हैं और पहले से पड़ा खाना हमारे शरीर में सड़ने लगता है, जिससे हमें ऊर्जा की प्राप्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है। जब हम व्रत रहते हैं तो हमारे शरीर को अच्छे से डिटॉक्स होने का समय मिल जाता है। जिससे हमारा पेट अच्छे से साफ हो जाता है और हम अनेक प्रकार के बिमारियों से बच जाते हैं।
करवा चौथ के दिन व्रत रहने से हम अपने पति की लम्बी आयु व उनके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इससे उनके मन को शांति मिलती है।

What to eat in Karva Chauth | करवाचौथ में क्या-क्या खाना चाहिए

करवाचौथ के दिन सुहागिन औरतों की सासु माँ उनके लिए सरगी बनाती हैं। वे सूर्योदय से पहले उसी सरगी को खाकर अपना व्रत शुरू करती हैं और चंद्रोदय के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। इसके बाद अपना पसंदीदा पकवान साथ में मिलकर खाते हैं।

What should not be eaten in Karva Chauth | करवाचौथ में क्या-क्या नहीं खाना चाहिए

करवा चौथ के व्रत के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। यह व्रत पूरे दिन निर्जला ही रहा जाता है। परन्तु व्रत के पहले सरगी में ये सब चीज़े न खाएं। जैसे- अनाज, दाना (चावल, दाल, गेंहूं, जौ, बाजरा, रागी), नमक, आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर व अन्य सब्जियां आदि। व्रत के एक दिन पहले कोई मसाले वाली चीज़ का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योकि इससे पेट फूलने की समस्या हो सकती है। फैटी चीजों से सेवन से जितना हो सके बचना चाहिए।

karva chauth food | करवाचौथ भोजन

करवाचौथ के त्यौहार में महिलाये सुबह से निर्जल व्रत रहती है। रात में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा की पूजा और पति के हाथो से पानी पीकर अपना व्रत खोलती है। उसके पश्चात स्वादिष्ट भोजन करती है।

Friendly sweets | अनुकूल मिठाइयाँ

इस त्यौहार में महिलाये भोजन के साथ- साथ मिठाईया भी बनाती है। जिसमे सबसे ज्यादा करवाचौथ के दिन गुजिया और रसगुल्ले बनायीं जाती है। इसमें गुजिया एक प्रसिद्ध मिठाई है, जिसमें मैदा के अंदर सूजी, खोया और ड्राई फ्रूट के मिश्रण को भरा जाता है यह मिठाई बहुत ही स्वादिष्ट होती है और करवाचौथ पर खासतर सजाकर परोसा जाता है।
इसके अलावा रसगुल्ला भी बनाया जाता है। ये चाशनी में भिगोई गयी खोया और मैदा की गोलिया होती है , जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है।

Favorite dish | पसंदीदा पकवान

करवाचौथ के त्यौहार पर सभी महिलाये घरो में अपने पसंदीदा पकवान बनाती है। जैसे : सूजी हलवा, खीर, पूरी और सब्जियां आदि। इन सभी भोजनों को एक सुंदर थाली पर परोसा जा सकता है, और इसे पूजा के बाद पति के साथ भोजन ग्रहण किया जाता है।

First look in karwachauth | करवाचौथ में फर्स्ट लुक

महिलाये अपने पहले करवाचोथ का फर्स्ट लुक में बहुत सुंदर दिखना चाहिए, जिससे लगे की ये आपका पहला करवाचौथ है , इस दिन महिलाओ को अपनी शादी का लाल रंग का जोड़ा पहनना,हाथों में मेहंदी रचाना चुडिया पहनना, भारी -भारी गहने पहनना आदि। इस दिन भी महिलाओ को दुल्हन की तरह सजना – सवरना चाहिए।

Karva Chauth Social | करवाचौथ सामाजिक

करवा चौथ सामाजिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण त्यौहार होता है, जो भारतीय समाज में महिलाओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है। इस दिन सभी स्त्रियां अपने सहेली के साथ मिलकर पूजा करती हैं और अपने पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं। साथ में बैठकर गीत, संगीत भी करती हैं और करवाचौथ के कथा का पाठ करते हैं।

True devotion to wife | पत्नी की सच्ची भक्ति

पत्नी अपने पूरे लग्न और निष्ठा से अपने पति की सच्ची भक्ति और पूजा करती है। वह अपने पति के लिए पूरे दिन कठिन परीक्षा यानी बिना कुछ खाएं-पिए रह कर बस अपने पति की लम्बी आयु और उनके सुख-समृद्धि तथा स्वास्थ्य की पूजा करती है।

Spend time with husbands on the festival of Karva Chauth | करवाचौथ के त्योहार पर पतियों के साथ बिताये समय

करवाचौथ के दिन शाम के समय पूजा करने के बाद चाँद को देखते है और पत्नी अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती है। इसके बाद, पति अपनी पत्नी को करवाचौथ की शुभकामनाएं देते हैं और उन्हें उनके प्यार और समर्पण का प्रतीक देते हैं। यह एक खास और महत्वपूर्ण समय होता है जब पति-पत्नी अपने संबंधों की मजबूती को महसूस करते हैं और आपसी स्नेह और समर्पण का प्रतीक देते हैं।

Traditional attire of Karva Chauth | करवाचौथ का पारम्परिक पहनावा

Karva Chauth Fashion Trend: Traditional Look | करवाचौथ फैशन ट्रेंड: पारंपरिक लुक

पत्नीयों के लिए उपयुक्त पहनावा उनकी सुंदरता और प्रेम का प्रतीक होता है। इस दिन महिलाएं साड़ी, लहंगा चोली, शारारा या अन्य भारतीय पोशाक पहनती हैं जिनमें खास रंग और डिजाइन का उपयोग किया जाता है। करवाचौथ के दिन औरतें अपना सोलह श्रृंगार करती है और अपने शादी का जोड़ा या लाल रंग के साड़ी का चयन करना शुभ माना जाता है। इस दिन महिलाये अपने पति के नाम की मेंहदी भी लगवाती हैं।

Karva Chauth Jewellery: Decorate yourself with grandeur and tradition this Karva Chauth | करवाचौथ आभूषण: करवाचौथ अपने आप को भव्यता और परंपरा से सजाएं ( )-

करवाकचौथ के दिन स्त्रियां अपने आप को सुन्दर दिखने के लिए ब्यूटी पार्लर जाती हैं। करवाचौथ के दिन औरतें मांग टिका, नथियाँ, चूड़ी, पायल, कान के झुमके, मंगल सूत्र, पैरों में बिछुआ और हाथों में अंगूठी पहनते हैं। अगर किसी के पास इतना सारा आभूषण नहीं हो पाता है, तो जो संभव है उसे जरूर पहनें।

Karva Chauth Festival (Dance, Music) | करवाचौथ महोत्सव ( नृत्य, संगीत )

Importance of music and song | संगीत और गीत का महत्व

करवाचौथ के दिन सभी महिलाये अपने सहेलियों के साथ मिलकर गीत और संगीत का कार्यक्रम करती हैं और पूरे दिन को मनोरंजन के साथ इस त्यौहार को मनाती हैं। इस गीत में करवाचौथ की पूजा की महत्वपूर्ण रीतिरिवाजों और पारंपरिक तरीकों का वर्णन किया जाता है। यह गीत पूजा के समय गाया जाता है और पूजा की विधि को सुंदरता से दर्शाता है।

special puja event | खास पूजा आयोजन

सबसे पहले आप पूजा के स्थान को अच्छे से साफ करके पीला या लाल रंग का वस्त्र बिछा कर अपने पूजा की सारी सामग्री रख लें। फिर पूजा करें और उसके बाद चाँद और पति के दर्शन करके अपना व्रत खोलें।
मेहँदी सजावट- करवाचौथ के दिन सुहागिन स्त्रियां अपने हाथों व पैरों में अलग-अलग डिजाइन के मेंहदी का चयन करती हैं। जब वे मेहंदी लगवाती हैं, तो उसमें ही छुपा कर अपने पति का नाम भी लिखवाती हैं, जो देखने में अत्यंत सुन्दर और आकर्षित लगता हैं।

Karva Chauth: Protecting husband’s health | करवाचौथ पति के स्वास्थ्य की रक्षा

करवाचौथ का त्यौहार महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी आयु और उनकी अच्छी सेहत की कामना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि पतियों की दीर्घायु और उनकी भलाई के लिए पत्नी व्रत रखती हैं।

What to do in Karva Chauth | करवाचौथ में क्या करें

करवाचौथ के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। इस दिन पति-पत्नी को अच्छे से मिल-जुल कर रहना चाहिए, क्योकि लड़ाई-झगडे से आपस में मतभेद हो जाते हैं। जिससे आप लोगों के सम्बन्ध पर बुरा असर पड़ सकता है। आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए हमें करवाचौथ के दिन लाल रंग के कपड़े में पांच या ग्यारह हल्दी की गांठे गणेश जी को अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी की विशेष कृपा बनी रहती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है।

What not to do in Karva Chauth | करवाचौथ में क्या न करें

हमें करवाचौथ के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। करवाचौथ के दिन स्त्रियों को समय बिताने के लिए किसी से चुगली, तास के पत्ते खेलना या सोना आदि ये सभी कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन हमें मांस, मछली और शराब आदि के तामसिक चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।

Global impact of Karva Chauth: How the festival spreads love and harmony | करवाचौथ का वैश्विक प्रभाव: त्योहार कैसे प्रेम और सद्भाव फैलाता है

करवाचौथ का वैश्विक प्रभाव एक ऐसी परंपरा को दर्शाता है जो मनुष्यता और सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देती है और परिवार के बंधनों को मजबूत करती है। प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण और आदर्श त्योहार है।

Karva Chauth around the world: A global celebration | दुनिया भर में करवाचौथ: एक वैश्विक उत्सव

करवाचौथ, भारतीय सभ्यता में मनाया जाने वाला हिंदू त्योहार है, अब दुनिया भर में एक वैश्विक उत्सव के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। यह त्योहार प्रेम, परंपरा, और सामर्थ्य की भावनाओं को उजागर करता है और व्यक्तिगत और पारिवारिक रूप में सभी परंपराओं का पालन करने का एक मौका प्रदान करता है।

  • अधिक जागरूकता ( more awareness ): करवाचौथ के महत्व को विश्वस्तरीय रूप में बढ़ावा देने के लिए, व्यक्तिगत, सामाजिक, और व्यापारिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ( International Conference ): करवाचौथ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है।
  • कार्यक्रम और प्रदर्शन ( Programs and Performances ): करवाचौथ से संबंधित कला, संगीत, और परंपराओं के प्रदर्शन की स्थानीय और विश्वस्तरीय स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।
  • उपन्यास और फिल्में ( Novels and films ): विभिन्न कहानियों, उपन्यासों, और फिल्मों के माध्यम से करवाचौथ के महत्व को प्रमोट करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।

Karva Chauth in different Indian states | विभिन्न भारतीय राज्यों में करवाचौथ

करवाचौथ भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और हर राज्य में इसे अपने तरीके से मनाने की अपनी विशेष परंपराएं होती हैं। भारत के अनेक राज्यों में जैसे- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली आदि स्थनों पर मुख्य रूप से मनाया जाता है।

Celebrities who celebrate Karva Chauth: A glimpse of their traditions | सेलिब्रिटीज जो मनाते हैं करवाचौथ: उनकी परंपराओं की एक झलक

करवाचौथ एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है जिसमें पति की लम्बी आयु और उसकी खुशियों की कामना की जाती है। भारतीय सेलिब्रिटीज भी इस त्योहार की परंपराओं को मानते हैं। वह अपने घरो में करवाचौथ की पार्टी रखते है और सभी सेलिब्रिटीज करवाचौथ की पार्टी में जाकर अपने पतियों से साथ चाँद की पूजा करके अपना व्रत खोलती है। सभी महिलाये गीत संगीत और नृत्य करती है।

Conclusion | निष्कर्ष

दोस्तों, मुझे लगता है कि ये लेख उन लोगो के लिए बहुत मददगार साबित होगा जो शादीशुदा जोड़े करवाचौथ का व्रत रखते है या जो नहीं रखते है। जो करवाचौथ का व्रत रहते है वो आपके हिसाब से सही है कि नहीं और करवाचौथ का व्रत किसको करना चाहिए।जो महिलाये अभी शादीशुदा हुई है उनको भी इस आर्टिक्ल से करवाचोथ के बारे में पता चलेगा और इसको कैसे मनाया जाता है और इसको क्यों मानना चाहिए ? मेरे विचार से करवाचौथ एक साथीत्व और प्रेम भरी समाज की ओर आगे बढ़ने की महत्वपूर्ण शिक्षा देता है। इससे यह शिक्षा ले सकते है कि प्रेम और समर्पण ही एक सुखी और समृद्ध जीवन की नींव होती है। करवा चौथ के माध्यम से हम यह सिखते हैं कि प्यार और संबंधों को बनाए रखने के लिए समर्पण और संकल्प की आवश्यकता होती है।
इस आर्टिकल से उन लोगो को करवाचौथ का व्रत रखने के लाभ का पता चलेगा कि ये व्रत करने से पति पत्नी के प्रेम सम्बन्ध मजबूत होगा जो लोग करवाचौथ का व्रत करते है उनको अपने आसपास के लोगो को सहायता दे,न कि उनकी सोच नकारात्मक होने दे या ऐसी जगह जाये जो लोग सकारत्मक भावना कि सोच रखते है।जो महिलाये व्रत नहीं करती उनको भी ये व्रत करना चाहिए ?इस त्यौहार के माध्यम से हम एक-दूसरे के साथ प्रेम और समर्पण की भावना को समझे। इस त्योहार से विवाहित जीवन में साथी के साथ मिलकर कठिनाइयों का सामना करना और उन्हें पार करना जीवन का हिस्सा है। इस त्यौहार की महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अपने जीवन साथी के साथ एक-दूसरे के प्रति समर्पण,समझदारी, और प्यार के साथ रहना होता है, ताकि हमारा जीवन सुखमय और सार्थक बने।

आपको इस आर्टिकल में मदद मिली हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपने अनमोल सुझाव जरूर दे। आपका एक छोटा सा सुझाव हमारे लिए बहुत बड़ी सहायता स्वरुप रहे

By Hari Om

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