body gesture

Body Gesture यानि शारीरिक मुद्रा ( भाषा ) व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा है। ये सत्य है, कि व्यक्ति के जीवन में उठना, बैठना, चलना, दूसरों से बातचीत करना, भोजन करना आदि करता रहता है, मगर जाने-अनजाने परिस्थिति के अनुसार शारीरिक मुद्राएं बदल ही जाती हैं, जिसे वह चाह कर भी नहीं बदल सकता और इन्ही शारीरिक मुद्राओं को पहचान कर हम सामने वाले बन्दे के बॉडी लैंग्वेज से उसके व्यक्तित्व के बारे में जान सकते है ।

ज्यादातर जॉब इंटरव्यूवर के पास बॉडी लैंग्वेज को पढ़ने की कला होनी चाहिए और जिससे वो ये फैसला कर पाए कि कंपनी या कंपनी के काम के अनुसार सामने वाला व्यक्ति एकदम सही बंदा है या नही।

ये फैक्ट आर्टिकल उनके भी काम आ सकता है जो खुद को अपने आस-पास के लोगों से होने वाले नुक्सान से बचना चाहते हैं या शिक्षा पूरी करके नए नए बाहर की दुनिया में आये हैं और अपना सामाजिक जीवन , करियर जीवन की शुरुवात सफलतापूर्वक करना चाहते हैं।

स्वागत है, आपका हमारे ब्लॉग SavyFacts में, जो भी शारीरिक मुद्रा इस ब्लॉग पोस्ट में बताया जा रहा है। वो स्त्री-पुरुष दोनों में समान है।

अलग-अलग मुद्राओं का मतलब भी अलग-अलग है जिसे जान कर आप चकित रह जाएंगे और सभी को body Gesture की जानकारी जरूर होनी चाहिए।

Positive Body Posture | सकारात्मक शारीरिक मुद्रा

Cross Leg Siting | पैर को क्रॉस करके बैठना

अगर कोई एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखकर बैठता है, तो यह उसके खुले दिमाग का संकेत है, कि वो सामने वाले की बात बहुत ध्यान से सुन और समझ रहा है।

Make Eye Contact | आँखे मिलाकर बात करना

बॉडी लैंग्वेज में आँखों की अहम भूमिका है, अगर सामने वाला बंदा आँखे मिलाकर बात करता है, तो इससे ये पता चलता है, कि उसका आत्मविश्वास मज़बूत है और वो बंदा आपकी बातों को ध्यान से सुन रहा है, और आपकी बातों को कॉन्फिडेंटी फीडबैक देगा। इसी तरह अगर सामने वाला बंदा आँखे चुराकर बात करता है, तो इससे यह पता चलता है, कि उसका आत्मविश्वास कमजोर है या बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है।

Positive Thoughts | सकारात्मक सोच

बातचीत के दौरान सकारात्मक बातों का दिखने का मतलब है, वह भविष्य के लिए संजीदा है और कोई भी काम सही तरीके से लम्बे समय के लिए करना चाहता है, चाहे वह रिश्ते निभाना हो, ऑफिस से सम्बंधित कार्य हो, शिक्षा से सम्बंधित हो या भविष्य में उपलब्धि को लेकर हो। हमें हर दिन के लिए एक thoughts for the day बनाना चाहिए जिससे हम पूरे दिन सकारात्मक रहे और लोगों तक भी सकारात्मक सोच पहुंचाएं।

Talking Distance | बात करने की दूरी

कोई व्यक्ति आपसे उचित दूरी बना कर बात करे, तो इसका मतलब है वह आपसे घुल-मिल नहीं पाया है और थोड़ा असहज है।

Well Dressed | सज-धज के रहना

कहते हैं, कि लोग आपको आपके कपड़ों से पहचानते हैं और लोग वैसी ही आपको इज़्ज़त देते हैं, इसी बातों को ध्यान में रखते हुए लोग खुद को कहीं से भी कोई कमी नहीं छोड़ते हैं और आधी जंग वो पहनावे से ही जीतना चाहते हैं और वो सभी जगह पर अपनी रेस्पेक्ट बनाए रखना चाहते हैं चाहे वो अपने सहमित्रो से, बॉस से उठना, बैठना या फिर मीटिंग करना हो। वो कहीं भी शर्मिंदा के पात्र नहीं बनना चाहते।

Wrong Body Posture | गलत शारीरिक मुद्रा

Walking and Sitting Slouch Shoulder | कंधे झुकाकर चलना और बैठना

अगर कोई बंदा कंधे झुकाकर चलता और बैठता है, तो उसके अंदर आत्मविश्वास की कमी नज़र आती है।

Hesitation In Speaking | बातों में हिचकिचाना

ऐसे व्यक्तियों मे आत्मविश्वास की कमी होती है या तो वो जानते बहुत कुछ है और सब कुछ कह जाना चाहते हैं और जल्दी-जल्दी में उनकी जुबान से बात निकल ही नहीं रही । एक बात और हो सकती है वो यह कि वो आपको सही बात बताने से बचना चाहते हैं।

To Repeat Over and Over Again | बात को बार-बार दोहराना

अगर कोई आपसे एक ही बात बार-बार दोहराता है, तो वह आपसे झूठ बोल रहा है या उसको उस बात की पूरी जानकारी नहीं है।

To Communicate By Shaking one’s feet | पैर हिलाकर या हाथ रगड़कर बातचीत करना

अगर कोई व्यक्ति आपसे बात करते समय अपने हाथों को बार-बार रगड़ रहा है या अपने पैर को हिला रहा है, तो इसका मतलब है, या तो उसकी बातों में सच्चाई नहीं है या वह घबरा रहा है।

Frequent Touching of Face and hair | चेहरे, बालों को बार- बार छूना

ऐसे व्यक्तियों को आपकी बातें समझ में नहीं आ रही हैं और समझने की कोशिश कर रहा है या फिर आपसे बात करने में कोई दिलचस्पी ही नहीं है ।

Conclusion | निष्कर्ष

इस ब्लॉग पोस्ट में कुछ छोटी-मोटी बातों को ध्यान में रखकर और बॉडी लैंग्वेज के प्रभाव, व्यवहार को देखकर हम लोगों को आसानी से पहचान कर के उचित व्यवहार कर सकते हैं । सामने वाले का और अपना समय बचा सकते हैं , क्यूंकि आज के समय में टाइम इस मनी है, जिससे हम अपना समय बचा कर कहीं अच्छी जगह लगा सकते हैं।

एक बात और कहना चाहूंगी कि ऐसा भी हो सकता है, कि सामने वाले बन्दे को कोई प्रॉब्लम, स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएँ या अस्वस्थ हो, तो भी उसकी एक्स्ट्रा एक्टिविटी हो रही हो तो आपको अगर ऐसा लगे तो आप उसको पूछ सकते हैं, और परिस्थिति के अनुसार जो सही हो कर सकते हो।

तो कैसी लगी ये जानकारी, आप हमे कमेंट करके बता सकते हैं, हमें ख़ुशी होगी।

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