दुनिया का सबसे महंगा खाना | Most expensive food in the world

MOST EXPENSIVE FOOD IN WORLD

ईश्वर ने पृथ्वी पर जल, थल व आकाश में जीवन दिया और सभी जीवों को रहने के लिए व्यवस्था भी प्रदान की । जिस प्रकार उनके रहने के लिए अलग-अलग स्थान है, उसी प्रकार उन सभी के खाने के लिए भी अलग व्यवथा की हैं। कुछ जीव-जंतु शाकाहारी हैं, तो कुछ मांसाहारी हैं, लेकिन मनुष्य एक ऐसा जीव है, जो सर्वाहार करता है।

धरती पर ऐसे ऐसे खाने के पदार्थ मौजूद है जिनसे बहुत सारे स्वादिष्ट व सेहतमंद व्यञजन बना सकते हैं।। धरती पर कुछ चीज़ें बहुत ही महंगी होती है, क्योकि वो बहुत ही कम मिलती है। ऐसी ही दुनिया की कुछ 10 सबसे महंगी चीज़ें, जो मानव खाने के लिए उपयोग करता है, जिसमे सबसे ऊपर है कैवियार / Caviar और अन्य हैं,

Food ( खाना )कीमत ( रुपए में )मात्रक
बेलुगा कैवियार 8,33,272.00प्रति पॉउंड
मत्सुटेक मशरूम 7,49,944.80प्रति पॉउंड
केसर4,16,636.00प्रति पॉउंड
डेंसुके तरबूज4,16,636.00प्रति तरबूज
सफ़ेद ट्रफ़ल्स3,33,308.80प्रति पॉउंड
कोपी लुवाक कॉफ़ी49,996.32प्रति पॉउंड
कोबे बीफ़ 24,998.16प्रति पॉउंड
इबेरिको हैम11,665.81प्रति पॉउंड
ब्लूफिन ट्यूना3,333.09प्रति पॉउंड
रूबी रोमन अंगूर 30,000.00प्रति अंगूर का दाना

Sturgeon Fish | स्टर्जन मछली

Sturgeon ( स्टर्जन ) लंबे समय तक जीवित रहने वाली मछलियाँ हैं, जो देर से परिपक्व भी होती हैं। स्टर्जन मछली की उम्र 100 साल से अधिक होती है। उनके पास हेटेरोसेर्कल पूँछ होती हैं जो बिल्कुल शार्क जैसी दिखती हैं। चिकनी चमड़ी, स्केल रहित शरीर हैं, जो स्कूट्स की पंक्तियों से सुरक्षित होती हैं।

स्टर्जन की 27 प्रजातियों में से कुछ काफी बड़ी होती हैं,

  • बेलुगा स्टर्जन, जिसकी लंबाई 23 फीट से अधिक और वजन 3400 पाउंड था, अब तक पकड़ी गई सबसे बड़ी मीठे पानी की मछली थी।

Caviar Fish Price | कैवियार मछली की कीमत

अनुमानित 4 से 10 यु० एस० डॉलर प्रति किलो। वो भी बर्फ में जमी हुई।

Fish Eggs | फिश- एग्स

मछलियों के व्यापार के साथ-साथ मछलियों के अंडों का भी व्यापार किया जाता है। फिश रो / fish roe यानि स्टर्जन मछली के अंडे। स्टर्जन मछली के अंडे को कैवियार / Caviar भी कहते हैं। कैवियार अलग-अलग रंग के होते हैं। हल्के भूरे रंग व काले रंग के कैवियार को खाने में सबसे अच्छे व पौष्टिक आहार जाना जाता हैं।

मछलियों से कई प्रकार के फिश-रो / कैवियार प्राप्त किये जाते हैं, जैसे

  • स्टर्जन
  • बेलुगा
  • कलुगा
  • ओसेट्रा
  • सेव्रुगा
  • अमेरिकी आदि।

इन्ही सब मछलियों के अंडे मछली को जन्म देने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होते हैं, जिन्हें अनिषेचित अंडे कहे जाते हैं, जिन्हें आज हम कैवियार / Caviar के नाम से जानते हैं।

Caviars | कैवियार

समुद्र में विशेष प्रकार की स्टर्जन मछली / sturgeon fish के अनिषेचित अंडे कैवियार / Caviar कहे जाते हैं ।

सबसे अच्छा कैवियार वाली मछलीस्टर्जन / sturgeon
कैवियार का रंगहल्के भूरे रंग से हरे रंग
कैवियार का मूल्य ( भारत में )28 लाख रू० प्रति किलो
कैवियार का स्वादनमकीन
रख-रखाव तापमान26 से लेकर 39 डिग्री

Caviar is obtained from which fish | कैवियार किस मछली से प्राप्त होता है ?

कैवियार एक विशेष प्रकार के “स्टर्जन मछली” जिसकी उम्र 100 साल से अधिक होती है से प्राप्त होता है, जो कैस्पियन नामक सागर में पायी जाती है। कैस्पियन सागर इन मछलियों का घर है। इसकी और भी प्रजातियां कैस्पियन सागर में मिलती है जैसे – बेलुगा, ओसेट्रा, सेव्रुगा, स्टर्जन। सबसे अच्छी कैवियार इसी सागर के आस-पास के देशों से आती है।

How is caviar collected ? | कैवियार कैसे प्राप्त होता है ?

Caviar ( कैवियार ) को प्राप्त करने के लिए मादा स्टर्जन मछली से सावधानी पूर्वक निकालना पड़ता है। उच्चतम गुणों वाली कैवियार मादा द्वारा अंडे देने की तैयारी के दौरान निकाले गए अंडों से प्राप्त होती है। स्टर्जन मछली को तब पकड़ा जाता है, जब वे अंडे देने के लिए खारे पानी से निकल कर ताजी और सहायक नदियों की ओर जाती हैं। आज के समय में कैवियार की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गयी है, इसलिए अब इन मछलियों को बड़े-बड़े फॉर्महॉउस में पालते हैं और अल्ट्रासॉउन्ड की मदद से उनकी निगरानी करते हैं।

जब मछली अंडे देने के लिए तैयार हो जाती है, तो कुछ लोग मछली को थोड़ा-सा काट कर और उसको हाथों की मदद से दबाकर उसके अंडे को निकल लेते हैं और फिर उस मछली को पानी में डाल देते हैं और धीरे-धीरे मछली के काटे हुए घाव ठीक हो जाते हैं। स्टर्जन मछली एक बार में मिलियन अंडे छोड़ सकती है, परन्तु यह मछली के आकार पर आधारित होता है।

Caviar Taste | कैवियार का स्वाद

Caviar कहीं ख़राब न हो जाये इसलिए इसको बहुत ही कम तापमान पर रखा जाता है, जो लगभग 26 से लेकर 39 डिग्री फ़ारेनहाइट (-1°C – +4°C) तक के बीच होता हैं और बिजली चले जाने पर इसको इन्वर्टर का बैकअप दिया जाता है।

Unique Way of Serving | परोसने का अनोखा तरीका

जब इसे परोसा जाता है तो एक बड़े से प्याले में पीसी हुई बर्फ रख कर उस पर टीन के छोटे से प्याले में पर रख कर दिया जाता है। जिसे तुरंत नहीं खाया जा सकता है। खाने में कैवियार नमकीन होता है।

Why is caviar so expensive ? | कैवियार इतना महंगा क्यों हैं ?

किसी भी मार्किट या बिजनेस का ये रूल है कि चीज़ें महंगी तब होती है जब डिमांड बढ़ती है और डिमांड तब बढ़ती है जब मार्किट में चीज़ें कम उपलब्ध होती है। दोस्तों पहले के समय से ही आप बहुत सी खाने की महंगी चीज़ों के बारें में सुना या खाया होगा। जिस प्रकार मशहूर केसर 3 लाख प्रति किलो रूपये के रूप में बेचे जाते हैं, उसी प्रकार स्टर्जन मछली के अंडे भी 28 लाख रूपये प्रति किलो में बेचे जाते हैं।
तो अब हम समझेंगे कि कैवियार की डिमांड कैसे बढ़ी।

History | इतिहास

आपको ये जान कर हैरानी होगी कि पहले के समय में स्टर्जन मछली बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध रहती थी, और इनके शिकार भी किये जाते थे। साथ में इनके अण्डों को निकाल कर बहुत ही सस्ते दामों में बेचा जाता था। धीरे-धीरे समय बीतता गया मछलियों की फिशिंग काफी ज्यादा मात्रा में होने लगी, जिसकी वजह से स्टर्जन मछली की मात्रा बहुत कम हो गयी।

Today | आजकल

ये फिशिंग इतनी ज्यादा हो गयी थी, कि साल 2010 में IUCN ( International Union for Conservation of Nature ) ने 18 प्रजाति को लगभग विलुप्त जीव के रूप में घोषित कर दिया गया, यानि समुद्र में अब इस मछली को पाना लगभग नामुकिन था।

Maintenance | रख-रखाव

अब इस स्टर्जन मछली की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी, इसलिए कुछ लोग इसे अपने खेतों या फ्रॉमहाउस में पालना शुरू कर दिए। स्टर्जन को पालने के लिए सही वातारण और तापमान की आवश्यता होती है। मादा स्टर्जन एक बार में लाखों अंडे देती है। उनमें से एक या दो ही अंडे बड़े हो पाते हैं और इन मछलियों को लगभग 8-20 सालों का समय अंडे देने के लिए परिपक्क्व होने में ही लग जाता है।

Ups and Downs | उतार-चढ़ाव

इतने सालों तक सिर्फ आपको उनकी देखभाल ही करनी पड़ती है और इन समय के बीच आपको कुछ भी फायदा नहीं मिलता है और जन्म के पांच साल बाद ही पता चल पाता है कि ये नर स्टर्जन है या मादा स्टर्जन है। दोस्तों मादा स्टर्जन मछली ही अंडे देती हैं और इनको कई सालों तक देखभाल करके रखने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं।
इन सभी कारणों से कैवियार बहुत ही महंगे होते हैं। इसलिए कैवियार को “अमीरों का भोजन” भी कहा जाता है।

Why is caviar called a balanced diet? | कैवियार को संतुलित आहार क्यों कहा जाता है ?( )

दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि कोई भी इंसान ऐसे ही सिर्फ मछली के अंडे खाने के लिए अपने इतना ज्यादा पैसे फालतू में तो बरबाद नहीं करेगा। दोस्तों कैवियार की कुछ तो खास बात होगी, जिससे लोग कैवियार को अत्यधिक मात्रा में पसंद करते हैं।

Specialty | खासियत

Caviar ( कैवियार ) खाने में स्वादिष्ट और साथ ही इसको खाने से कई प्रकार के मिनिरल प्राप्त होते हैं ,

  • माइक्रो और
  • माइक्रो न्यूट्रिएंट के साथ
  • प्रोटीन,
  • हेल्दी फैट,
  • अमीनो एसिड,
  • आयरन,
  • विटामिन A,
  • विटामिन B12,
  • मैगनीशियम,
  • सेलेनियम, और
  • कैल्सियम भरपूर मात्रा में मिलता है।

इसमें इतना ज्यादा पोषक तत्व मिलने की वजह से ही इसका डिमांड ज्यादा है, परन्तु सप्लाई कम मात्रा में होती है। इसलिए कैवियार बहुत ज्यादा महंगे होते हैं। इसलिए कैवियार को “अमीरों का भोजन” कहते हैं।

Conclusion | निष्कर्ष

कैवियार दुनिया का सबसे महँगा और बहुत ही अच्छा बिजनेस का स्रोत्र है, लेकिन कैवियार के आधार पर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की सोचना एक बेवकूफी होगी। क्योकि देश की अर्थ व्यवस्था को उत्पादन से, रचना से, खोज से मजबूत बनानी चाहिए।

भारत संत-महात्माओं का देश है, गुरु प्रधान संस्कृति है हमारी। पशु-पक्षी की हत्या, मांस का निर्यात व आहार को रोकने से ईश्वर व संत-महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा तो देश की रक्षा भी होगी और अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो जाएगी। कहते हैं न

” जैसा खाये अन्न , वैसा होये मन “

जब लोगों का आहार सही रहेगा तो सोच भी उन्नति की ओर होगी।

इसका सबसे अच्छा उदहारण हैं, हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, जो शाकाहारी हैं और उनकी शाकाहारी सोच की वजह से ही,

  • भारत में उन वस्तुओं के उद्योग लगे जो पहले बाहर से निर्यात होते थे।
  • कई सालों से चले आ रहे राम मंदिर के कौमी झगड़े को मंदिर के निर्माण से ख़तम किया।
  • कोविड के समय में भारतीय वैज्ञानिकों से कोविड वैक्सीन की खोज कराई और संकटमय स्तिथि में जल्द से जल्द सभी देशों को कोविड की वैक्सीन उपलब्ध कराई वो भी बिलकुल मुफ्त ।
  • अन्य देशों से संबंधों में मजबूती आयी वो भी भारत के मान-सम्मान के साथ ।

मैं मोदी भक्त तो नहीं हूँ पर शाकाहारी सोच से होने वाले पॉजिटिव रिजल्ट से बहुत ही प्रभावित हूँ ।

कैवियार भी अच्छा बिजनेस स्रोत्र बन सकता है जब इसे सकारात्मक सोच के साथ किया जाये। जैसे इसमें मासूम स्टर्जन मछली जैसे प्राणी को मारा न जाये चाहे वजह कुछ भी हो और जब मछली अंडे न दे पाए तो उसको पाल कर उसकी सेवा करें या समुद्र में छोड़ दें।

अगर कोई स्टर्जन मछली पालक ये मेरा आर्टिकल पढ़ रहा हो तो उससे मेरी प्रार्थना है कि किसी भी मछली की हत्या न करें और न ही करवाएं, कम से कम अपने द्वारा पाली गयीं मछलियों को तो बिलकुल न मारें, अगर आपने कैवियार के लिए पर इतना खर्चा किया है तो बेशक आप कैवियार निकालें पर काम निकाल जाने पर उसे मारने की बजाए उसे समुद्र में वापस छोड़ दें, क्योकि समुद्र जल चार प्राणी का घर है ।

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Hari Om: