हमारा ब्रह्माण्ड जल, वायु, आकाश, अग्नि और धरती से मिलकर बना है। अगर हमारे वातारण में किसी चीज़ की अधिकता हो जाती है, तो वह उसके गुणवत्ता को नष्ट कर देती है और उसी को हम प्रदुषण के नाम से जानते हैं।
आजकल हम नार्मल वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण आदि के बारें में आप लोग ने आवश्य सुना होगा, परन्तु क्या आपको पता है, जो हम लोग रोड पर स्ट्रीट लाइट, हैलोजन लाइट और ट्यूबलाइट का उपयोग करते हैं, उससे भी प्रदूषण होता है।
अगर आपको इसके बारें में कोई जानकारी नहीं है, तो आज आपको हम प्रकाश प्रदूषण के बारें में बताते हैं।
ब्रह्मांड में, सभी तारे, ग्रह, और उपग्रह अपने-अपने स्थानों पर विशेष प्रकाश फैलाते हैं। प्रकाश प्रदूषण एक ऐसी स्थिति है, जब अत्यधिक प्रकाश आसमान में विकिरण होता है, तो इससे से प्रत्येक व्यक्ति, जीव-जंतु, पशु-पक्षी और कीड़े-मकोड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे बुरा प्रभाव पड़ता है और रात के समय तारों को देखने में परेशानी होती है।
जिसके कारण विज्ञानिक दृष्टि से अंतरिक्ष के अध्ययनों को करने में अनेक दुविधा उत्पन्न होती है। इसलिए, हमें चाहिए कि हम प्रकाश प्रदूषण को कम करने के उपायों की दिशा में काम करें, ताकि हम स्वस्थ और सुरक्षित रूप से ब्रह्मांड की सुंदरता का आनंद ले सकें।
जब 19 वीं में पहली बार बिजली का उत्पादन हुआ था, तब दुनिया में एक ख़ुशी की लहर झलक उठी थी और लोगों के बीच ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। धीरे-धीरे समय बीतता गया और मनुष्य उसी लाइट का अंधाधुंध के रूप में उपयोग करने लगा, जिससे मनुष्य, पशु-पक्षी से लेकर पेड़-पौधे तक सभी प्रकाश प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं, तो चलिए दोस्तों आपको प्रकाश प्रदुषण के बारें में थोड़ा और विस्तार से बताते हैं।
प्रकाश प्रदूषण (Light Pollution) क्या है ?
Light pollution वह प्रदुषण होता है, जब रात को बहुत ज़्यादा प्रकाश होता है और हमे खुली आसमान में चमकते हुए सितारे देखने में परेशानी होती है, तो उसे प्रकाश प्रदूषण कहते हैं।
यह प्रदुषण ज्यादातर शहरों में होती है, जहां अधिकतम बत्तियाँ जलती हैं और आसमान में प्रकाश फैलाते हैं। इससे हम रात को आसमान की सुंदरता और चांदनी रात में तारों को देखने में परेशान होते हैं। प्रकाश प्रदूषण के कारण चमकते सितारे अच्छे से दिखाई नहीं देते हैं।
City | Light Pollution Level |
Mumbai | High |
Delhi | Moderate |
Bangalore | Low |
Kolkata | High |
Chennai | Moderate |
Types of light pollution | प्रकाश प्रदुषण के प्रकार
प्रकाश प्रदुषण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं
- SKYGLOW ( आसमानी चमक )
- CLUTTER ( अव्यवस्था )
- GLARE ( चकाचौध )
- LIGHT TREPASS ( प्रकाश अतिचार )
SKYGLOW ( आसमानी चमक )
SKYGLOW प्रकाश प्रदूषण का एक घटक है, जिसमें रात को आसमान में चमक की अधिकता बढ़ने की प्रक्रिया को हम SKYGLOW ( स्काईग्लो ) कहते हैं।
यह अधिकतम रोशनी के कारण हो सकता है, जो उच्च इमारतें, सड़कें, और अन्य आधुनिक साधनों से आती है। इसके कारण बहुत से कीट-पतंगे अपना गंतव्य स्थान ही भूल जाते हैं, क्योकि कुछ कीड़े आकाश-गंगा या अन्य तारों की गति से माध्यम से दिशा को निर्धारित करते हैं और अपनी गति करते हुए अपने स्थान तक जाते हैं।
जैसे- BEETAL ( बीटल ) नाम का एक कीड़ा है, जो गोबर के छोटे-छोटे गोले को लुढ़का कर अपने गंतव्य स्थान तक तारों की दिशा के माध्यम से लेकर जाता हैं। जिससे गोबर का DECOMPOSED ( विघटन ) होता है, इसप्रकार ये कीड़े हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं।
CLUTTER ( अव्यवस्था )
“Light Clutter” (अव्यवस्था) का मतलब है जब प्रकाश एक जगह पर बहुत ज्यादा होता है, जिससे वहाँ का माहौल बेहद असुविधाजनक हो जाता है और कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा चमकता है। इससे दूर की जगहों की दृष्टि को प्रभावित करता है और कुछ जगहों पर ज्यों का त्यों हो जाता है, साथ ही आसमान भी स्पष्ट नहीं दिखता है और इसको अस्तित्व में आने वाले असुविधाजनक या अनुचित प्रकाश कहा जाता है।
GLARE ( चकाचौध )
GLARE (चकाचौंध) का मतलब है कि बहुत ज्यादा चमकता हुआ प्रकाश या रौशनी, जिससे हमारी आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ये शब्द विशेष रूप से उज्ज्वल या तीक्ष्ण प्रकाश से संबंधित है, जिससे हमारी दृष्टि प्रभावित हो सकती है।
LIGHT TREPASS ( प्रकाश अतिचार )
जब अनचाहा प्रकाश किसी की संपत्ति में प्रवेश करता है, तब उसे LIGHT TREPASS ( प्रकाश अतिचार ) कहते हैं। उदाहरण- जब बाहर से एक तीव्र प्रकाश खिड़की से होते हुए किसी के घर में प्रवेश करता है, तो वह समस्या का कारण बनता है। जैसे कि निद्रा अभाव होना आदि।
Cause of light pollution | प्रकाश प्रदूषण के कारण
प्रकाश प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –
- सबसे ज्यादा प्रकाश प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर जलने वाली street light तथा vehicle light से होता होता है।
- आजकल advertising light के द्वारा लोग जगह-जगह लाइट वाले पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिससे बहुत अधिक मात्रा में प्रकाश प्रदूषण हो रहा है और शाम के समय में आसमान साफ दिखाई नहीं देता है।
- औद्योगिक क्षेत्रों में उच्च तेजी से बाहर जाने वाली प्रकाश स्रोतों की बढ़ती संख्या के कारण, औद्योगिक प्रकाश आमतौर पर शहरी क्षेत्रों में प्रकाश प्रदूषण का मुख्य कारण बन रहा है। यहां पर उच्च मात्रा में प्रकाश स्रोतों का उपयोग विभिन्न उद्योगों, कारख़ानों, और औद्योगिक स्थलों में होता है जो रात्रि में अधिकतम प्रकाश उत्सर्जित करते हैं और इसका पर्यावरणीय प्रभाव होता है।
Effects of light pollution | प्रकाश प्रदूषण के प्रभाव
- अधिक प्रकाश प्रदूषण के वजह से हमें नींद की समस्या, तनाव, और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- प्रकाश प्रदूषण के कारण प्राकृतिक जीवों के नेस्टिंग पैटर्न यानि उनके आस-पास के परिवेश में बदलाव हो सकता है, जिससे उनका संतुलन विघटित हो सकता है।
- अधिक प्रकाश प्रदूषण की वजह से रात्रि में आसमान में ग्रह, उपग्रह और तारें आदि सही से दिखाई नहीं देते हैं। जिससे विज्ञान तथा खगोलशास्त्री आदि के कार्यक्षेत्र में कमी होती है।
- यदि प्रकाश प्रदूषण बढ़ाता है, तो आसमान के तापमान में बदलाव हो सकता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हो सकता है।
- प्रकाश प्रदूषण के कारण आसमान में सितारें और गैलेक्सियों को देखने में कठिनाई होती है, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य में कमी होती है।
- अधिक प्रकाश प्रदूषण के कारण रात्रिचर जीव जैसे- उल्लू, चमगादड़, कुत्ता , बिल्ली आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योकि रात के समय अधिक लाइट जलने के कारण इनके BIOLOGIAL SYSTEM पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- पेड़-पौधे दिन में प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश-संलेषण की क्रिया करके अपना भोजन बनाते हैं, परन्तु रात के समय कृत्रिम light pollution की वजह से वे उन्हें सही से उपापचय नहीं कर पाते हैं। इसलिए प्रकाश प्रदूषण पेड़-पौधों के लिए भी अत्यंत हानिकारक होते हैं।
प्रकाश प्रदूषण से बचाव
बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे न केवल आकाश की सुंदरता को बचाया जा सकता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगा। कुछ प्रमुख उपाय:
कम रोशनी वाली बत्तियों (Low-Intensity Lighting) का उपयोग
- कम शक्ति वाले बल्ब (Low Wattage Bulbs) का इस्तेमाल करें, ताकि प्रकाश फैलने की संभावना कम हो। बहुत ज़रूरी होने पर ही केवल जिस क्षेत्र को रोशन करने की आवश्यकता है, वहां रोशनी रखें।
- LED Lights का उपयोग करें जिससे ऊर्जा की खपत कम हो और कम प्रकाश फैले।
सड़कों पर लाइट में डिमिंग ( Light Dimming) और टाइमर सेट करना
- डिमिंग सिस्टम का उपयोग करने से रात के समय प्रकाश की तीव्रता को कम किया जा सकता है और ज़रूरत के अनुसार ही रोशनी मिलती है, और अनावश्यक प्रकाश फैलने से बचता है।
- लाइट में टाइमर का उपयोग करने से बत्तियाँ केवल आवश्यक समय ( 8 घंटे / 10 घंटे ) के लिए ही चालू रखें, ताकि रात को बिना किसी आवश्यकता के रोशनी न फैल सके।
स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम्स ( Smart Lighting ) का उपयोग
- स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम्स मतलब सेंसर लाइट्स का उपयोग करें, जो किसी के मूवमेंट को detect करने पर ही जलती हैं, और कोई भी मूवमेंट न होने पर 10 सेकेंड बाद या 15 सेकेंड बाद लाइट बंद हो जाती है
प्रकाश प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- लोगों को प्रकाश प्रदूषण के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके प्रभावों के बारे में बताना बहुत जरुरी है। इसके लिए अभियान चलाए जा सकते हैं, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा दी जनि चाहिए।
कई देशों में लाइट प्रदूषण का स्तर
City / Country | Light Pollution Level ( Mag/arcsec^2 ) |
New Delhi, India | 18.5 |
Tokyo, Japan | 17.2 |
New York City, USA | 20.2 |
Sydney, Australia | 19.4 |
Paris, France | 18.9 |
Conclusion | निष्कर्ष
प्रकाश प्रदूषण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो पर्यावरण और समाज को लगातार प्रभावित करता जा रहा है, और इससे बचाव के लिए हमें व्यक्तिगत, सामाजिक और सरकारी स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हम अपना और दूसरों का जीवन स्वस्थ और सुरक्षित बना सकें।
हमें सोच-समझ कर और सही तरीके से प्रकाश का इस्तेमाल करना होगा, जिससे प्रकाश का उपयोग कम होगा और प्रकाश-प्रदूषण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा, जो कि न केवल हमारी आँखों और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा, बल्कि सभी जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों और हमारी प्रकृति माँ के लिए भी अच्छा होगा।