नवरात्रि का त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हमारे हिन्दू धर्म में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं, जैसे- होली, दीपावली तीज आदि। उसी प्रकार हमारे सनातन धर्म में नवरात्री एक विशेष और लम्बे समय तक मनाया जाने वाला उत्सव है। जिसमें ओणम 14 दिनों तक, गणेश चतुर्थी 11 दिनों तक और नवरात्रि 9 दिनों तक मनाया जाता है। यह त्यौहार साल में दो बार नौ -नौ दिनों के लिए आता है। जिस तरह से सभी त्यौहार मनाये जाने के पीछे कोई न कोई कारण होता है उसी प्रकार नवरात्रि मनाये जाने के पीछे बहुत ही रोचक कहानी है। माँ दुर्गा को बल व शक्ति की देवी के रूप में जाना जाता है क्योकि वे महिषासुर नामक राक्षस का वध करके विजय प्राप्त की थी। उनके इस विजय को और माँ दुर्गा को यादगार बनाने के लिए हर साल नवरात्रि मनाते हैं। नवरात्रि के समापन के बाद अगले ही दिन दशहरा पड़ता है और दशहरे के 20 दिन बाद दीपावली होती है। ये तीनों त्यौहार आपस में जुड़े हुए हैं।
नवरात्रि श्लोक (Navratri Shloka)
नवरात्रि में विभिन्न प्रकार के श्लोक का उच्चारण करते हैं। जिससे हमारे मन को शांति मिलती है। नीचे दिए गए उच्चारण का जाप हमें प्रतिदिन करना चाहिए।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।
दिनों के नाम | देवियों के नाम | वस्त्रों के रंग के प्रकार | प्रत्येक दिन भोग का चयन |
प्रथम | माँ शैलपुत्री | ऑरेंज | गाय का शुद्ध घी |
द्वितीय | माँ ब्रह्मचारिणी | सफेद | शक़्कर |
तृतीय | माँ चंद्रघंटा | लाल | दूध या दूध से बनी खीर |
चतुर्थ | माँ कूष्मांडा | नीला | मालपुए |
पंचम | स्कंदमाता | पीला | केले |
षष्ट | माँ कात्यायनी | ग्रीन | शहद |
सप्तम | माँ कालरात्रि | ग्रे | गुड़ |
अष्टम | माँ महागौरी | पर्पल | नारियल |
नवम | माँ सिध्दिदात्री | पिकॉक ब्लू | तिल |
नवरात्रि क्या है (what is navratri) –
नवरात्रि शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुयी है। यह दो शब्दों ‘नव’ तथा ‘रात्रि’ से मिलकर बना है। जिसमें ‘नव’ का अर्थ है 9 दिन तथा ‘रात्रि’ का अर्थ है रात। नवरात्रि विशेष रूप से हिन्दू में मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार चैत्र और आश्विन मास में मनाया जाता है। इसमें लोगों के अंदर भक्ति भावना के साथ-साथ खुशियों और मनोरंजन की प्रधानता होती है। गली और मोहल्ले के बच्चे बहुत ही उत्सुकता के साथ नवरात्रि का इंतजार करते हैं। नवरात्रि का त्यौहार आते ही सब तरफ माता रानी की पूजा की जाती है। हम जिधर से भी गुजरते हैं उधर से ही हमें धुप और अगरबत्ती की बहुत ही अच्छी खुशबू मिलती है तथा साथ में ही आरती के समय गीत, संगीत व भजन भी सुनने को मिलते हैं। गांव में औरतें अपनी सखियों के साथ पहले से ही अच्छे-अच्छे गीत और भजन तैयार करके रखती हैं, जिससे नवरात्रि में वे अपने भजन से माता रानी और साथ ही वहां पर उपस्थित लोगों के मन को खुश कर सकें।
नवरात्रि के प्रकार (types of navratri)
नवरात्रि दो प्रकार की होती है-
- चैत्र नवरात्रि ( chaitra navratri )
- शरद नवरात्रि ( autumn navratri )
चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri)
हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्त्व है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू होकर 31 मार्च 2023 तक था। यह नवरात्रि चैत्र मास में मनाया जाता है। इसलिए इसको चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। इस नवरात्रि की खास बात ये है कि इसी मास में माँ दुर्गा जी का जन्म हुआ था और भगवान श्री ब्रह्मा जी में इसी मास में ही सृष्टि का निर्माण किये थे। तभी से इस मास को हिन्दू धर्म के नव वर्ष के रूप में जाना जाता है।
शरद नवरात्रि (autumn navratri)
इसे आश्विन मास की नवरात्रि भी कहते हैं क्योकि आश्विन मास में ही शरद नवरात्रि को मनाया जाता है। इस वर्ष शरद नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 23 अक्टूबर 2023 महानवमी को समाप्त होगी। इसमें प्रत्येक घर में नौ देवियों की पूजा और अर्चना करते हैं। कुछ लोग माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी रहते हैं।
नवरात्रि के शुभ मुहूर्त (Auspicious time of Navratri)
नवरात्रि एक बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। जैसाकि हम जानते हैं कि प्राचीन समय से ही किसी कार्य को शुरू करने से पहले उसके शुभ तिथि और समय का अवकलन करना बहुत ही जरुरी होता है। जिससे हमारे कार्य में कोई बाधा न आये और हमारा कार्य सही से संपन्न हो जाये। हिन्दू पंचांग की से पंडित लोग किसी चीज़ का शुभ मुहूर्त को निर्धारित करते हैं। चलिए दोस्तों जानते हैं कि इस बार 2023 में नवरात्रि कब और किस तिथि को है।
नवरात्रि तिथियां और परंपराएं (Navratri Dates and traditions)
नवरात्रि के शुभ मुहूर्त की शुरुआत इस वर्ष में 15 अक्टूबर 2023 को 11:44 AM से शुरू होकर 23 अक्टूबर 2023 समय 12:30 PM महानवमी को समाप्त हो जायेगा। नवरात्रि के ये नौ दिन में लोग सुबह जागकर स्नान करके पूजा और आरती करते हैं। जिससे देवी माँ प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
वर्ष | नवरात्रि शुरू होने की तिथि व समय | नवरात्रि समापन होने की तिथि व समय |
2018 | 09 अक्टूबर, 06:22 AM | 18 अक्टूबर, 03:29 PM |
2019 | 29 सितम्बर, 10:11 AM | 7 अक्टूबर, 09:04 PM |
2020 | 17 अक्टूबर, 06:10 AM | 25 अक्टूबर, 06:58 PM |
2021 | 7 अक्टूबर, 06:17 AM | 15 अक्टूबर, 06:52 PM |
2022 | 26 सितम्बर, 03:23 AM | 5 अक्टूबर, 03:08 AM |
2023 | 15 अक्टूबर, 11:44 AM | 23 अक्टूबर, 12:30 PM |
2024 | 3 अक्टूबर, 12:18 AM | 12 अक्टूबर, 2:58 AM |
2025 | 22 सितम्बर, 01:23 AM | 1 अक्टूबर, 06:30 PM |
2026 | 11 अक्टूबर, 11:43 AM | 20 अक्टूबर, 11:15 AM |
2027 | 30 सितम्बर, 08:07 AM | 9 अक्टूबर, 09:03 AM |
2028 | 19 सितम्बर, 06:16 AM | 28 सितम्बर, 07:22 AM |
नवरात्रि पर करें कुछ खास (Do something special on Navratri)
नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 से है। जब तक नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है, उसमें हमें रोजाना नियम से उठकर स्नान करके मंदिर जाना चाहिए और साथ में अपने पूजा की थाली को भी सजा कर अपने साथ लेकर जाना चाहिए। जिसमें धुप बत्ती, फल-फूल, माता जी के लिए साफ वस्त्र (चुनरी), नारियल का गोला, कपूर, सिन्दूर आदि सामग्री रखनी चाहिए। पूजा, भजन और आरती पाठ जरूर करना चाहिए। जिससे देवी माँ खुश होकर हमें आशीर्वाद प्रदान करेगीं।
नवरात्रि से जुड़ा त्यौहार(Festival related to Navratri)
नवरात्रि से जुड़े त्यौहरों में से सबसे प्रचलित त्यौहार दशहरा है। नवरात्रि खत्म होने के अलगे ही दिन दशहरे का त्यौहार पड़ता है, जिसे बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
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नवरात्रि में बुराई पर अच्छाई की जीत ( Victory of good over evil in Navratri )
नवरात्रि की कहानी बहुत ही प्रचलित है। कई हजार साल पहले की बात है, कि महिषासुर नाम का राक्षस था। उसका आधा शरीर राक्षस और आधा शरीर भैस का था। उसने कई सालों की कठिन तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया। तब ब्रह्मा जी प्रकट हुए और कहा- हे महिषासुर! मैं तुम्हारी तपस्या से अति प्रसन्न हूँ। तुम जो वरदान मांगना चाहो, मांग लो। तभी महिषासुर ने कहा कि हे ब्रह्मा! मुझे वरदान दीजिये, कि इन तीनों लोको में किसी भी देवता और मानव द्वारा मेरी मृत्यु न हो। ब्रह्मा जी ने कहा, ऐसा ही होगा।
महिषासुर बहुत ही धमंडी और अत्याचारी था। उसने देवताओं पर आक्रमण करके उन्हें युद्ध में हरा दिया और स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया। सभी देवता महिषासुर के अत्याचार से बहुत परेशान हो कर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के शरण में गए।
तब श्री ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने मिलकर एक तेज़ और दिव्य प्रकाशित कन्या का निर्माण किया। इस देवी को सारी दुनिया आदि शक्ति माँ दुर्गा के नाम से जानती है। सभी देवता मिलकर माँ दुर्गा को सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित किया। सभी शस्त्रों को वे धारण करके महिषासुर की नगरी की ओर चल पड़ी। जब महिषासुर को उनके बारे में सूचना मिली तो वह उनसे मिलने के लिए उत्सुक हो उठा। उसने देवी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। तभी देवी जी ने कहा कि हे महिषासुर मुझसे पहले युद्ध करो और अगर तुम ये युद्ध को जीत लोगे तो मैं आवश्य तुमसे विवाह करुँगी। महिषासुर ने कहा मैं युद्ध के लिए तैयार हूँ। इसके बाद माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध शुरू हो गया। महिषासुर काम, क्रोध,मोह, लोभ के अधीन हो चुका था और अपना विवेक खो चुका था। माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच 10 दिनों तक घमासान युद्ध हुआ। माँ दुर्गा खुद ब्रह्मा जी के अवतार थी। माँ ने दसवें दिन महिषासुर का वध कर दिया और देवताओं की रक्षा की। सभी देवता प्रसन्न होकर देवी के ऊपर पुष्प बरसाए।
तभी से सभी लोग हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्यौहार मनाने लगे। कहा जाता है कि बुराई ज्यादा दिनों तक नहीं चलती है। इसलिए हमे हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।
नवरात्रि के समय रामलीला और मेला का भावनात्मक त्यौहार (Emotional festival of Ramlila and fair during Navratri)
नवरात्रि के बाद रामलीला का एक बहुत ही प्रशिद्ध कहानी है।इसमें भगवान विष्णु के रूप में राजा दशरथ के बेटे श्रीराम का जन्म हुआ। ऋषियों, मुनियों पर राक्षस बहुत ही अत्याचार करते थे। उनके यज्ञ में हड्डी और मांस फेकते थे। जिससे उनका यज्ञ नष्ट हो जाता था। जब राम जी 14 वर्षों के लिये वनवास गए थे तभी रावण नाम का राक्षस उनके पत्नी का हरण कर लिया था। तत्पश्चात श्री राम जी ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण, सुग्रीव, हनुमान, विभीषण और अपने बानर दल के साथ लाखों योजन समुद्र पर करके रावण और उसकी सेना को हरा कर अपनी पत्नी सीता माता के साथ वापस आये थे। राम जी के समस्त घटना चक्र को रामलीला के शुभ अवसर पर दिखाया जाता है। जिससे बच्चों को बुराई पर अच्छाई की जीत का ज्ञान मिलता है।
गांव में शरद ऋतु में ही नवरात्रि के बाद रामलीला और फिर मेले का आयोजन होता है। इसमें कई गांव के आदमी और औरत अपने-अपने बच्चों को रामलीला का मेला दिखाने के लिए लेकर आते हैं। मेले में कई प्रकार के खिलौने, गुब्बारे, मिठाईयां, फल-फूल और मनोरंजन के लिए नाच-गाने का भी आयोजन होता है।
नवरात्रि के नौ देवियों का परिचय (Introduction of nine goddesses of Navratri)
नवरात्रि के नौ दिनों में लोग नौ अलग-अलग देवियों की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि माँ दुर्गा के नौ रूप हैं। प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र को धारण करते हैं क्योकि प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी का दिन होता है और हम लोग उनकी श्रद्धा पूर्वक पूजा और अर्चना करते हैं। पहले दिन माँ शैलपुत्री, दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन माँ कात्यायनी, सातवें दिन माँ कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन माँ सिध्दिदात्री जी की पूजा करते हैं। नवरात्रि के नौ दिन देवी के विभिन्न रूप शक्ति, ताकत, वीरता, ज्ञान, सौंदर्य, लालित्य और शुभता के प्रतीक हैं।
नवरात्रि के नौ दिन: माँ दुर्गा के अवतार (Nine days of Navratri: incarnations of Maa Durga)
नवरात्रि के नौ दिन हम अलग-अलग देवी की पूजा अलग-अलग रंग के वस्त्र को पहन कर करते हैं। जिससे पूजा में हमसे कोई भूल न हो और देवी माँ हमसे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद प्रदान करें। पहले दिन माँ शैलपुत्री, दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन माँ कात्यायनी, सातवें दिन माँ कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन माँ सिध्दिदात्री जी की पूजा करते हैं।
नवरात्रि में पूजा के नियम (Rules of worship in Navratri)
नवरात्रि में रोज हमें प्रातः काल सुबह उठकर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। नवरात्रि में नौ दिन सुबह स्नान करना चाहिए। अपने घर के मंदिर को या पूजा के स्थान साफ करना चाहिए। नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत रहें, यदि आपकी क्षमता नहीं हो पा रही है तो पहले और आखिरी दिन ही व्रत रहें। व्रत के दौरान याद रखे, कि अपने रोजाना उपयोग किये जाने वाले आटे जैसे- गेहूं, चावल, सूजी, मैदा, जौ के आटे तथा सभी प्रकार के हरी सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। हमें पूजा की थाली साफ और सुरक्षित लेनी चाहिए। देवी माँ के समक्ष दीपक जलाना चाहिए और आरती में भाग जरूर लेना चाहिए। पूरे नवरात्रि के दौरान ध्यान रहें मांस, मछली, शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
देवी माँ का आगमन (Arrival of Mother Goddess)
नवरात्रि शुरू होने के एक या दो दिन पहले ही हम अपने घर की अच्छे से साफ-सफाई करते हैं। नवरात्रि में हम देवी माँ की मूर्ति को अपने घर पर लाते हैं। जहाँ पर देवी माँ को स्थापित करते हैं, वहाँ पर प्रतिदिन हम अच्छे से सफाई करते हैं। बच्चे, देवी माँ के जय-जय के नारे लगाते हैं और ख़ुशी जाहिर करते हैं।
देवी की आराधना (goddess worship)
नवरात्रि के नौ दिन हम देवी माँ को खुश करने के लिए उनकी पूजा और आराधना करते हैं। जिससे देवी माँ हमें सुख-दुःख से लड़ने की शक्ति प्रदान करती हैं।
नवरात्रि में वैज्ञानिक की दृष्टी से व्रत रहने के लाभ (Benefits of fasting during Navratri from the scientific point of view)
नवरात्रि में व्रत रहने की बहुत ही प्राचीन परम्परा है। क्या आपको पता है कि व्रत रहने से हमारे शरीर को कैसे लाभ मिलता है। जब हम प्रतिदिन ज्यादा खाना खाते रहते हैं तो हमारी आंत उन्हें अच्छे से पचा नहीं पाती है, जब कि हम उसके पहले ही फिर से खाना खा लेते हैं और पहले से पड़ा खाना हमारे शरीर में सड़ने लगता है, जिससे हमें ऊर्जा की प्राप्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है। जब हम व्रत रहते हैं तो हमारे शरीर को अच्छे से डिटॉक्स होने का समय मिल जाता है। जिससे हमारा पेट अच्छे से साफ हो जाता है और हम अनेक प्रकार के बिमारियों से बच जाते हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक रीति- रिवाज से जोड़ दिए हैं कि नवरात्रि में व्रत रहने से देवी माँ खुश होंगी और हमें आशीर्वाद देगीं।
नवरात्रि में क्या-क्या खाना चाहिए (What to eat during Navratri)
नवरात्रि में व्रत के दौरान हमें कुछ विशेष चीजों का ही सेवन करना चाहिए, जैसे-
- उबले आलू,
- चाय,
- काजू,
- बादाम,
- दूध,
- दही,
- साबूदाना,
- मूंगफली,
- केले,
- सेब,
- नारियल,
- अंगूर आदि सभी प्रकार के मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं।
नवरात्रि में क्या-क्या नहीं खाना चाहिए (What should not be eaten during Navratri)
नवरात्रि को पौराणिक कथाओं में बहुत ही पवित्र तरीके से मनाया जाने वाला त्यौहार बताया गया है। इसमें हमें बहुत ही सोच समझ कर चीज़ों को खाना चाहिए, जैसे- गेहूं, चावल, सूजी, मैदा, जौ के आटे तथा सभी प्रकार के हरी सब्जियों के सेवन नहीं करना चाहिए। नवरात्रि में हमें मांस व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि में शक्ति की प्राप्ति (Attainment of power during Navratri)
नवरात्रि में माँ देवी जी की पूजा-अर्चना करने से हमें आदि देवी माँ दुर्गा प्रसन्न होकर शक्ति प्रदान करती हैं। जिससे हमारे अंदर सहन शक्ति भी बढ़ती है।
सेवा और दान (Service and charity)
नवरात्रि में हम फल-फूल, कपड़े और कुछ पैसे दान करते हैं। जिनसे गरीबों को सहायता मिलती है और हमें पुण्य की प्राप्ति होती है।
ऊर्जा संचयन का आचरण (energy harvesting behavior)
नवरात्रि में योग और ध्यान लगा कर पूजा करने से, मंत्र का जाप और आरती पाठ करने से व्यक्ति के आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है। जिससे उसे दिव्य शक्ति को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
नवरात्रि में सुख-दुःख की प्राप्ति (Achieving happiness and sorrow during Navratri)
नवरात्रि में सभी अपने दुखों को दूर करने तथा सुख एवं शांति की प्राप्ति के लिए व्रत रहते हैं और देवी माँ की पूजा-अर्चना करते हैं। जिससे हमारे घर में सुख और समृद्धि प्राप्त होता है।
नवरात्रि में प्रार्थना, मंत्र जाप और आशीर्वाद प्राप्त करना (Prayers, chanting mantras and receiving blessings during Navratri)
नवरात्रि में देवी माँ से हम प्रार्थना करते हैं, मंत्र जाप भी करते हैं। उनसे हम अपने-अपने मन की इच्छा के अनुसार चीजों की कामना करते हैं। देवी माँ जिनकी पूजा से खुश होती हैं उन्हें आशीर्वाद देती हैं।
नवरात्रि भोजन (navratri food)
नवरात्रि में अनेक प्रकार के पकवान का भोग लगाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन माँ को गाय का शुद्ध घी अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। नवरात्रि के दूसरे दिन माँ को शक़्कर का भोग लगाए। इससे दीर्घायु प्राप्त होती है। नवरात्रि के तीसरे दिन माँ को दूध या दूध से बनी खीर का भोग लगाए। इससे सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि के चौथे दिन माँ को मालपुए का भोग अर्पित करें। इससे बुद्धि का विकास होता है। नवरात्रि के पांचवें दिन माँ को केले का भोग लगाए। इससे रोगों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि के छठवें दिन माँ को शहद का भोग अर्पित करें। इससे लोग आपकी तरफ आकर्षित होते हैं। नवरात्रि के सातवें दिन माँ को गुड़ का भोग अर्पित करें। इससे संकटों से रक्षा होती है। नवरात्रि के आठवें दिन माँ को नारियल का भोग अर्पित करें। इससे संतान संबंधित समस्या दूर होती है। नवरात्रि के नौवें दिन माँ को तिल का भोग अर्पित करें। इससे मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।
नवरात्रि व्रत-अनुकूल मिठाइयाँ (Navratri fasting-friendly sweets)
नवरात्रि में व्रत के दौरान खाने जाने वाले कुछ विशेष मिठाइयों के नाम इस प्रकार हैं-
- मालपुआ,
- खीर,
- कलाकंद,
- लड्डू,
- काजू की बर्फी आदि।
नवरात्रि सामाजिक (navratri social)
नवरात्रि के पावन मौके पर भेजें शुभकामनाएं (Send best wishes on the holy occasion of Navratri)
नवरात्रि आने की ख़ुशी में लोग फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम, और टिवीटर की मदद से अपने मित्रों और रिश्तेदारों को नवरात्रि की शुभकामनाएं भेजते हैं।
नवरात्रि के त्योहार पर बच्चों के साथ मनाएं मस्ती (Have fun with children on the festival of Navratri)
नवरात्रि में हम सब बच्चों के साथ मिलकर मस्ती करते हैं। जिससे उनका मनोरंजन होता है और वे खुश रहते हैं। बॉलीवुड के सिंगर नवरात्रि पर नए-नए गीत गाते हैं।
नवरात्रि सजावट के विचार: त्योहार के लिए अपने घर को बदलें (Navratri decoration ideas: Transform your home for the festival)
नवरात्रि आने से हम अपने घरों की अच्छे से साफ-सफाई करते हैं। जिससे हमारे घर में रौनक आ जाती है। हम वातावरण को ध्यान में रखते हुए अपने घरों में तरह-तरह के लाइट, पेपर क्राफ्ट डेकोरेशन करते हैं।
नवरात्रि का पारम्परिक पहनावा (traditional attire of navratri)
नवरात्रि फैशन ट्रेंड: पारंपरिक लुक (Navratri Fashion Trend: Traditional Look)
नवरात्रि के दिनों में हम आकर्षित दिखने के लिए अलग-अलग रंग के वस्त्रों का चयन करते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि ये त्यौहार नौ दिनों तक मनाया जाता है। प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी की पूजा उनके मनपंसद के वस्त्रों को पहन कर करते हैं।
नवरात्रि आभूषण:नवरात्रि अपने आप को भव्यता और परंपरा से सजाएं (Navratri Jewellery: Navratri adorn yourself with grandeur and tradition)
नवरात्रि में हम अलग-अलग प्रकार के गहनों का चयन करते हैं। जिसको पहनने के बाद हम आकर्षित और सुन्दर दिखाई देते हैं।
नवरात्रि महोत्सव ( नृत्य, संगीत ) (Navratri Festival) (Dance, Music)
नवरात्रि गरबा और डांडियां नृत्य: लय और एकता का एक रंगीन उत्सव (Navratri Garba and Dandiya dance: A colorful celebration of rhythm and unity)
नवरात्रि में हम सब साथ मिलकर गरबा और डांडियां नृत्य करते हैं और साथ ही लोकगीत और संगीत भी गाते हैं। इससे बच्चों से लेकर बूढ़े तक का मनोरंजन हो जाता है।
नवरात्रि में स्वास्थ्य (health in navratri)
नवरात्रि में अच्छे खान-पान की वजह से हमारा स्वास्थ्य सही रहता है। नवरात्रि में व्रत रहने से हमारा पेट अच्छे से डिटॉक्स हो जाता है, जिससे हम बिमारियों से बच जाते हैं।
नवरात्रि में क्या करें (what to do in navratri)
- नवरात्रि में हमें रोज सुबह उठकर स्नान करना चाहिए।
- नवरात्रि में अपने घर और देवी माँ के स्थान की अच्छे से सफाई करनी चाहिए।
- नवरात्रि में माँ देवी जी की पूजा-अर्चना करना चाहिए।
- माँ देवी को प्रत्येक दिन भोग जरूर लगाएं।
- नवरात्रि में गाय को खाना खिलाने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती है।
- नवरात्रि में हमें दूसरों की सहायता करनी चाहिए।
नवरात्रि में क्या न करें (What not to do in Navratri)
- नवरात्रि में हमें बाल और दाढ़ी नहीं बनवानी चाहिए।
- नवरात्रि में हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- हमें दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
- नवरात्रि में हमें बेजुबान पशु-पक्षियों को नहीं मारना चाहिए।
- नवरात्रि में हमें मांस व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि का वैश्विक प्रभाव: त्योहार कैसे प्रेम और सद्भाव फैलाता है (Global impact of Navratri: How the festival spreads love and harmony)
नवरात्रि को मानते समय हम अपने खास दोस्त पर्यावरण को जरूर ध्यान देते हैं। नवरात्रि आने के पहले से ही हम अपने घर की अच्छे से साफ-सफाई करने लगते हैं। नवरात्रि में हम मूर्ति को मिट्टी, घास-फूस, पानी और लकड़ी से बनाते हैं। जिससे उन्हें बाद में विसर्जित करने पर हमारे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। हम मनोरंजन के साथ-साथ अपने पर्यावरण का विशेष ध्यान देते हैं। नवरात्रि में माता जी के आने से चारों तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ दिखाई देने लगती है। सब लोग आपस में प्रेम और लय के साथ भजन और कीर्तन करते हैं। नवरात्रि में लड़कियां समूह बनाकर अपने सहेलियों के साथ गरभा और डांडियां डांस करते हैं। जिससे आपस में लोगों के बीच प्रेम बना रहता है।
दुनिया भर में नवरात्रि: एक वैश्विक उत्सव (Navratri around the world: A global celebration)
नवरात्रि को हम न केवल भारत में ही बल्कि दुनिया भर के कई देशों जैसे- यूके, यूएस, आस्ट्रेलिया आदि देशों में भी मनाया जाता है। इसलिए नवरात्रि को हम वैश्विक उत्सव भी कहते हैं।
विभिन्न भारतीय राज्यों में नवरात्रि (Navratri in different Indian states)
भारत में नवरात्रि को अलग-अलग राज्य में कई तरह से मनाया जाता है। हमारे भारत में कई राज्यों में नवरात्रि को मनाया जाता है, जैसे- उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, अहमदाबाद, कर्नाटक, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, उड़ीसा, झारखंड आदि।
सेलिब्रिटीज जो मनाते हैं नवरात्रि: उनकी परंपराओं की एक झलक (Celebrities who celebrate Navratri: A glimpse of their traditions)
नवरात्रि में भारत के सेलिब्रिटीज लोग बॉलीवुड के नए-नए गाने को रिलीज करते हैं। नवरात्रि के दिन वे सुबह स्नान करके देवी माँ की पूजा करते हैं और दान-दक्षिणा भी देते हैं। जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। सेलिब्रिटीज अपने घर के मंदिर को अच्छे से साफ करते हैं और पूरे नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करते हैं।
निष्कर्ष(Conclusion)
नवरात्रि दोस्तों बहुत ही खास त्यौहार होता है। नवरात्रि त्यौहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि में देवी माँ की पूजा करनी चाहिए। जिसमें हमें नवरात्रि के नियम को ध्यान में रखते हुए इस सम्पूर्ण त्यौहार को ख़ुशी के साथ आनंद लेना चाहिए। नवरात्रि में हमें ब्रह्मचर्य का पालन आवश्य करना चाहिए। एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।