Vivah ke saat feron ka matlab

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कभी न कभी आप लोग विवाह में तो जरूर गए होंगे, और शादी में मौज मस्ती भी खूब की होगी, शादी में जाने के लिए लोग कई दिनों से खरीदारी में लग जाते हैं और तैयार होने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, क्यूंकि उन सभी रिश्तेदारों से मिलना होता है जिनसे बहुत दिनों बाद मिलना होगा और सामने वाली पार्टी को अपना रौब भी दिखाना होगा। खैर ये तो रही बात कॉमन चीज़ों की लेकिन फैक्ट ये है कि, बहुत सारे लोग दूल्हा दुल्हन के साथ फेरों को मिस कर देते हैं और जो लोग फेरों को देख रहे होते हैं, उनको ये नहीं पता होता कि जो सात फेरे दूल्हा दुल्हन लगा रहे हैं उसका मतलब क्या है।

शादी में वर-वधु अग्नि को शाक्षी मान कर सात फेरे लगाते हैं, जिसका मतलब है, कि अग्नि को भगवान की उपस्थिति मान कर अपने नए वैवाहिक जीवन की शुरुवात कर रहे हैं और आशीर्वाद चाहते हैं, कि वर-वधु का जीवन खुशियों से भरा हो, एक दूसरे को समझें और नेक कर्म करते हुए जीवन को सफल बनाएं।

स्वागत है, आपका हमारे ब्लॉग savyfacts के पोस्ट में तो चलिए जानते हैं कि इन सात फेरों का असली मतलब और इन सात फेरों में जो वचन दूल्हे द्वारा दुल्हन को देना होता है वो क्या है।

सात फेरे

नमस्कार दोस्तों , आपके लिए आज मैं लाया हूँ हिन्दू धर्म कि वो जरूरी जानकारी जिसको आप और हम कभी कभी नज़रअंदाज़ कर देते है, जिसको सभी को जानना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को भी ये बातें पता होनी चाहिए जिससे दूल्हा दुल्हन एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करें, एक-दूसरे को समझते हुए जीवन के उतार-चढ़ाव में मिलकर रहे और पारिवारिक जीवन का पूरा आनंद ले सके, तो चलिए जानते हैं दुल्हन के शब्दों में

पहला वचन

परिवार में कोई धार्मिक कार्य हो रहा हो या कहीं तीर्थ यात्रा के लिए जाना हो तो मुझे ( दुल्हन को ) साथ रखना होगा तभी मैं आपकी ( दूल्हे के ) जीवन संगिनी बनना स्वीकार करती हूँ |

दूसरा वचन

मुझे वचन दीजिये जिस तरह आप अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं वैसे ही मेरे माता-पिता का सम्मान करेंगे और परिवार का मर्यादा का पालन करेंगे तो आपके साथ जीवन यापन करना स्वीकार करती हूँ।

तीसरा वचन

कन्या तीसरा वचन ये मांगती है, कि युवावस्था हो , प्रोढ़ावस्था हो या वृद्धावस्था हो तीनो अवस्था में आप अगर मेरा साथ देने का वचन दीजिये तो मैं आपके साथ जीवन यापन करना स्वीकार करुँगी।

चौथा वचन

अगर आप घर-गृहस्थी की सभी ज़रूरतों का वहन कर सकें और परिवार कि सभी जिम्मेदारियों को निभाने का वचन दें तो मैं आपके साथ आने को स्वीकार करती हूँ।

पांचवा वचन

घर के काम में, लेन-देन में और अन्य खर्च में मेरी राय लेने का वचन दें तो मैं आपके साथ आने को तैयार हूँ।

छठा वचन

मेरी सखियों के सामने मेरा अपमान न करने का वचन और खुद को जुएं कि लत से दूर रखने का वचन अगर आप देते है तो मैं आपके साथ जीवन यापन को तैयार हूँ।

सांतवा वचन

पराई स्त्री को माता के समान मानना होगा और पति पत्नी के प्रेम के बीच में किसी तीसरी स्त्री को न लाने का वचन देना होगा तो आपके साथ जीवन यापन करने को स्वीकार करती हूँ।

निष्कर्ष

दोस्तों, समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है, कभी धूप तो कभी छांव इसलिए पति-पत्नी को वैवाहिक-जीवन गाड़ी के दो पहियों की तरह माना गया है अगर एक काम नहीं करेगा तो वैवाहिक जीवन कि गाडी रुक जाएगी, इसलिए सकारात्मक सोच रक्खें, कोई भी रिश्ता हो विश्वास पर चलता है, अगर कभी आपके जीवनसाथी के साथ कुछ वाद-विवाद या अन-बन हो जाये तो एक दूसरे को माफ़ करें और किसी बात से अगर दोनों सहमत नहीं हो रहे है तो कोशिश करें उस बात को शांति से बैठ कर सुलझाए अगर फिर भी बात नहीं सुलझ रही तो बड़ों की सलाह लेने में बिकुल संकोच न करें । कितना ही गुस्सा हो जाएं आप लोग अगली सुबह उस बात को भूल जाएं, रात गयी बात गयी और जीवन में आगे बढ़ें। अपने जीवन साथी का हमेशा अच्छे-बुरे वक़्त में साथ दें और एक दूसरे को समझने की कोशिश करें भगवान् पर विश्वास करें, अपने वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद मांगें।

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HariOm:
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